हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,डुमरियागंज, सऊदी अरब स्थित पैगंबर हजरत मोहम्मद की इकलौती बेटी फातिमा जे़हरा और कई मासूमीन की कब्र मजारों को 100 साल पहले ध्वस्त किए जाने का विरोध करते हुए इसके पुनर्निर्माण की मांग की गई।
घटना की याद में शिया मुसलमानों ने शनिवार को हल्लौर में मरसिया मजलिस ए मातम कर शोक मनाया,डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के हल्लौर स्थित जामा मस्जिद के बाहर शनिवार की दोपहर नमाज़ के बाद सैकड़ों लोगों ने मौलाना मोहम्मद हसन के नेतृत्व में एकत्रित होकर 100 साल पहले आठ शव्वाल 1925 को मदीना स्थित जन्नतुलबकी को ध्वस्त किए
जाने की घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे और तख्तियां ले रखी थीं, जिस पर जन्नतुलबकी का जल्द निर्माण हो, जैसे नारे लिखे हुए थे।
मौलाना मोहम्मद हसन ने कहा कि जन्नतुलबकी से दुनिया के करोड़ों शिया मुसलमानों की अटूट आस्था और अकीदा जुड़ा है। ऐसे में भारत सरकार मामले में हस्तक्षेप कर यूएनओ के जरिये जन्नतुलबकी का जल्द निर्माण कराने की पहल करे।